'आस्था या अंधविश्वास' की इस बार की कड़ी में हम आपको ले चलते हैं देवास के साँई मंदिर में, जहाँ एक महिला के शरीर में साँई बाबा की सवारी आती है। यह सच है या नहीं, यह तो हमें नहीं मालूम, लेकिन कई लोग अपनी समस्या के समाधान के लिए बाबा के दरबार में हाजिर होते हैं।
साँई मंदिर की पुजारिन इंदुमति की बहू आशा तुरकणे विगत 15 वर्षों से बाबा के माध्यम से भक्तों की समस्या का समाधान कर रही हैं। प्रत्येक गुरुवार की रात को जब आशाजी के शरीर में साँई बाबा आते हैं तब उनकी आवाज पुरुषों जैसी हो जाती है। इस दौरान वे सिगरेट पीने और पुरुषों जैसा व्यवहार करने लगती हैं। तब भक्त उनकी बात बड़े ध्यान से सुनते हैं।
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एक अन्य श्रद्धालु ने कहा कि यह तो एक प्रकार का सत्य ही है कि लोगों को यहाँ कुछ मिलता होगा, तभी तो इतने लोग आते हैं। बाबा के मंदिर में आने से ही शांति मिलती है। लोगों का इसमें विश्वास है।
साँई बाबा ने भाईचारा, साम्प्रदायिक सद्भाव और मानव सेवा के लिए महान कार्य कर लोगों के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया था कि किस तरह श्रद्धा और सबुरी के साथ जीवन के दु:खों से निपटा जा सकता है इसके लिए मालिक पर विश्वास के अलावा किसी और के दर पर जाने की आवश्यकता नहीं लेकिन क्या वाकई किसी के शरीर में कोई देवी-देवता या साँई बाबा आ सकते हैं या यह महज अंधविश्वास है, फैसला आपको करना है...। आप हमें अपनी राय से जरूर अवगत कराएँ।
कैसे पहुँचे : इंदौर से 35 किलोमिटर दूर उत्तर में स्थित है देवास; जहाँ ट्रेन या बस द्वारा जाया जा सकता है।
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