Sunday, December 21, 2014

एक सपने ने बदली हकीकत





क्या कोई सपना लोगों का जीवन बदल सकता है? यदि नहीं तो हम आस्था या अंधविश्वास की इस बार की कड़ी में ले चलते हैं ग्राम मनासा, जहाँ अपंग लड़की के सपने में आए बाबा रामदेव और तब से ही उसका जीवन बदल गया। निश्चित ही यह कुछ लोगों के लिए आस्था रूपी चमत्कार है, तो कुछ लोगों के लिए अंधविश्वास का ढकोसला।

इसे प्रकृति का अन्याय कहें या शाप कि जब वह पैदा हुई तो उसके हाथ-पैरों के साथ ही शरीर के अन्य हिस्से भी लगभग नि‍ष्क्रिय ही थे। उसका पूरा दिन और पूरी रात पलंग पर ही कटता था, लेकिन जब उसने होश सम्भाला तब एक दिन सपने में आए बाबा रामदेव और फिर तो मानो सब-कुछ बदल ही गया।

हाटपीपल्या के निकट ग्राम मनासा की हाथ-पैरों से अपंग लड़की बबीता के सपने में एक दिन बाबा रामदेव आकर कहने लगे की तू उठ और चल, लोगों की सेवा कर और बस इसके बाद से ही उसके पैरों में अचानक हरकत होने लगी। जो पैर कभी हिलते नहीं थे, आज उन पैरों में हर काम करने तथा लोगों का दर्द खत्म करने की ताकत आ गई।

बबीता से उपचार कराने आए विजय ने हमें बताया कि मेरे हाथ में बहुत दिनों से दर्द था। ठीक ही नहीं हो रहा था। पता चला तो मैं भी यहाँ चला आया। इनके इलाज से कुछ फायदा हुआ है। मैं यहाँ रोज मालिश कराने आता हूँ।




एक अन्य मरीज संतोष प्रजापत ने बताया कि मैं मनासा गाँव का हूँ। मैं यहाँ अपनी पीठ का इलाज कराने आया हूँ। मुझे पीठ दर्द बना ही रहता था, इनकी मालिश से दर्द कम हुआ है। यहाँ आसपास के गाँव के लोग भी मालिश कराने आते हैं।

एक ग्रामीण महिला ने हमें बताया कि यह बचपन से ही चल फिर नहीं सकती थी, लेकिन बाबा रामदेवजी ने एक दिन इसको सपना दिया, तभी से यह चलने-फिरने लगी है। यह पैरों से ही सभी काम करती है, जैसे- गेहूँ बीनना, बर्तन माँजना, झाड़ू लगाना आदि। यह एक चमत्कार ही है। गाँव के लोग सपने के बाद से ही अपनी छोटी-मोटी परेशानी दूर करने के लिए इसके पास आते हैं।

बबीता बाबा रामदेव की भक्त है। यह देखकर अजीब ही लगता है कि वह हाथों की अपेक्षा अपने पैरों से बाबा की पूजा-अर्चना करती है। वह पैरों से माचीस जलाकर अगरबत्ती चेताती है और फिर बाबा के समक्ष पूजा-अर्चना करती है। है ना अजीब।

कहते हैं कि सपने भी कुछ कहते है, सपने हमें प्रेरित भी करते हैं। लेकिन बबीता का सपना अपने आप में अनूठा है। यह कहाँ तक सच है, यह तो आप ही तय करें।

कैसे पहुँचे : देवास जिले की तहसील हाटपीपल्या पहुँचने के लिए इंदौर से 30 किमी दूर देवास बस या ट्रेन द्वारा जाया जा सकता है। देवास बस स्टेंड से हाटपीपल्या जाने के लिए बसें उपलब्ध हैं।

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