इसे प्रकृति का अन्याय कहें या शाप कि जब वह पैदा हुई तो उसके हाथ-पैरों के साथ ही शरीर के अन्य हिस्से भी लगभग निष्क्रिय ही थे। उसका पूरा दिन और पूरी रात पलंग पर ही कटता था, लेकिन जब उसने होश सम्भाला तब एक दिन सपने में आए बाबा रामदेव और फिर तो मानो सब-कुछ बदल ही गया।
हाटपीपल्या के निकट ग्राम मनासा की हाथ-पैरों से अपंग लड़की बबीता के सपने में एक दिन बाबा रामदेव आकर कहने लगे की तू उठ और चल, लोगों की सेवा कर और बस इसके बाद से ही उसके पैरों में अचानक हरकत होने लगी। जो पैर कभी हिलते नहीं थे, आज उन पैरों में हर काम करने तथा लोगों का दर्द खत्म करने की ताकत आ गई।
बबीता से उपचार कराने आए विजय ने हमें बताया कि मेरे हाथ में बहुत दिनों से दर्द था। ठीक ही नहीं हो रहा था। पता चला तो मैं भी यहाँ चला आया। इनके इलाज से कुछ फायदा हुआ है। मैं यहाँ रोज मालिश कराने आता हूँ।
एक ग्रामीण महिला ने हमें बताया कि यह बचपन से ही चल फिर नहीं सकती थी, लेकिन बाबा रामदेवजी ने एक दिन इसको सपना दिया, तभी से यह चलने-फिरने लगी है। यह पैरों से ही सभी काम करती है, जैसे- गेहूँ बीनना, बर्तन माँजना, झाड़ू लगाना आदि। यह एक चमत्कार ही है। गाँव के लोग सपने के बाद से ही अपनी छोटी-मोटी परेशानी दूर करने के लिए इसके पास आते हैं।
बबीता बाबा रामदेव की भक्त है। यह देखकर अजीब ही लगता है कि वह हाथों की अपेक्षा अपने पैरों से बाबा की पूजा-अर्चना करती है। वह पैरों से माचीस जलाकर अगरबत्ती चेताती है और फिर बाबा के समक्ष पूजा-अर्चना करती है। है ना अजीब।
कहते हैं कि सपने भी कुछ कहते है, सपने हमें प्रेरित भी करते हैं। लेकिन बबीता का सपना अपने आप में अनूठा है। यह कहाँ तक सच है, यह तो आप ही तय करें।
कैसे पहुँचे : देवास जिले की तहसील हाटपीपल्या पहुँचने के लिए इंदौर से 30 किमी दूर देवास बस या ट्रेन द्वारा जाया जा सकता है। देवास बस स्टेंड से हाटपीपल्या जाने के लिए बसें उपलब्ध हैं।
No comments:
Post a Comment