Friday, December 19, 2014

बालापीर की दरगाह

जहाँ मुराद पूरी होने पर चढ़ाई जाती हैं घड़ियाँ
 



आस्था और अंधविश्वास की इस कड़ी में हम आपको दीदार करा रहे हैं गुजरात की बालापीर दरगाह के। यह कोई आम दरगाह नहीं बल्कि बेहद खास है। लोगों की मान्यता है कि बालापीर बाबा वक्त के मालिक हैं। यदि इनके दरबार में सजदा करके कोई मन्नत माँगी जाए तो न सिर्फ वह मन्नत पूरी होती है बल्कि सही वक्त पर पूरी होती है। अर्थात बाबा के दरबार में न तो देर है न ही अंधेर।
वक्त के मालिक होने के कारण बाबा पर श्रद्धा रखने वाले लोग अपनी मुराद पूरी होने के बाद बाबा को घड़ी ही चढ़ाते हैं। जब हमने यह किस्सा सुना तो रुख किया अहमदाबाद-मुंबई हाईवे नंबर आठ पर नंदेसरी गाँव के पास स्थित बालापीर की दरगाह का
  इस दरगाह की खासियत यह भी है कि यहाँ की देखरेख एक हिंदू परिवार करता है। इस परिवार के लोगों का मानना है कि बाबा सभी की मुरादें पूरी करते हैं वह भी वक्त पर।      


बालापीर की दरगाह पर पहुँचते ही हमें अनेक श्रद्धालु बाबा की शान में घड़ी चढ़ाते नजर आए। पूछने पर पता चला कि इन सभी की मुरादें पूरी हो चुकी हैं इसलिए वे मन्नत पूरी करने आए हैं।

इन्हीं में से एक थे मुहम्मद भाई। मुहम्मद भाई ने हमें बताया कि उन्होंने बाबा के दरबार में अपनी माँग रखी थी। जो कुबूल हुई अब वे अपनी मुराद पूरी होने के बाद बाबा की दरगाह पर सिर झुकाने और घड़ी चढ़ाने आए हैं।



इस दरगाह की खासियत यह भी है कि यहाँ की देखरेख एक हिंदू परिवार करता है। इस परिवार के लोगों का मानना है कि बाबा सभी की मुरादें पूरी करते हैं वह भी वक्त पर।

चूँकि यह दरगाह हाइवे पर स्थित है इसलिए अकसर यहाँ ट्रक ड्राइवर अपने ठिकाने पर सही समय पर सुरक्षित पहुँचने की मन्नत माँगते हैं। इतनी घड़ियों का वे क्या करते हैं। हमारे इस प्रश्न के जवाब में लताबाई का कहना था कि जब काफी घड़ियाँ जमा हो जाती हैं तो हम उन्हें किसी स्कूल या सामूहिक विवाह समारोह में बाँट देते हैं।

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