
कोटा. राजस्थान की धरती पर अनेक सांस्कृतिक रंग रह पग पर
नजर आते हैं। वीर सपूतों की इस धरती पर धर्म और आध्यात्म के
भी कई रंग दिखाई देते हैं। कहीं बुलट की बाबा के रूप में
पूजा होती है तो कहीं तलवारों के साये में
मां की आरती की जाती है तो एक मंदिर ऐसा भी है जिसने
1965 के युद्ध में पाकिस्तान के हमले किए थे नाकाम।
'झलक राजस्थान की' सीरीज में एक ऐसे
स्थान के बारे में बता रहा है जहां पानी में गल गई थी भीम
की गदा और जिस जगह पर पत्नी संग रहने के लिए भगवान सूर्य
को झेलने पड़े थे कष्ट।
महाभारत का युद्ध समाप्त हो चुका था, लेकिन जीत के बाद
भी पांडव अपने पूर्वजों की हत्या के पाप से चिंतित थे।
लाखों लोगों के पाप का दर्द देख श्री कृष्ण ने उन्हें
बताया कि जिस तीर्थ स्थल के तालाब में तुम्हारे हथियार
पानी में गल जायेंगे वहीं तुम्हारा मनोरथ पूर्ण होगा। घूमते-घूमते
पांण्ड़व लोहार्गल आये तथा जैसे ही भीम ने यहां के सूर्य कुंड़ में
स्नान किया उनके हथियार गल गये। इसके बाद शिव
जी की आराधना कर मोक्ष की प्राप्ति की।
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