क्या किसी इंसान को भूत-प्रेत जकड़ सकते हैं? और क्या कोई दरगाह इस प्रेतबाधा से लोगों को मुक्ति दिला सकती है? आस्था और अंधविश्वास
की कड़ी में इस बार हम आपको एक ऐसी जगह ले चल रहे हैं, जहाँ हर गुरुवार को
प्रेतबाधा से ग्रस्त लोगों का हुजूम लगा रहता है।
देवास के श्मशान घाट के पास स्थित है एक अनजान बाबा की दरगाह जो काली मस्जिद (Kali Masjid Dewas) के नाम से प्रसिद्ध है। यहाँ दूर-दूर से श्रद्धालु मन्नत माँगने आते हैं और उनकी मुरादें पूरी होती हैं।
देवास के श्मशान घाट के पास स्थित है एक अनजान बाबा की दरगाह जो काली मस्जिद (Kali Masjid Dewas) के नाम से प्रसिद्ध है। यहाँ दूर-दूर से श्रद्धालु मन्नत माँगने आते हैं और उनकी मुरादें पूरी होती हैं।
दरगाह
के इतिहास के बारे में तरह-तरह की धारणाएँ प्रचलित हैं। कोई इसे 11 सौ साल
पुरानी बताता है तो कोई 101 वर्ष पुरानी। यह एक ऐसी दरगाह है, जिसके बाबा
कौन हैं अर्थात यह किसकी दरगाह है और इसका नाम काली मस्जिद कैसे पड़ा, इस
बात का किसी को भी पता नहीं। प्रेतबाधा मुक्ति के वैसे तो अनेक स्थान हैं,
लेकिन इस स्थान का अपना अलग ही महत्व है। कुछ भी हो, परंतु यह बात निश्चित
है कि हर गुरुवार को भूत बाधाओं से पीडि़त हजारों लोग यहाँ आते हैं।
इस बारे में जब हमने स्थानीय श्रद्धालु वामिक शेख से बात की तो उन्होंने कहा कि मेरे जीवन में जब भी कोई परेशानी खड़ी हुई, मैंने बाबा के दरबार में हाजिरी दी है और यहीं से मुझे सब कुछ मिला है। यहाँ से गंभीर रोगी भी ठीक होकर गए हैं। जिस पर बाबा का करम हो जाता है, उसके जीवन में कभी कोई आफत नहीं आती।
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